Social Icons

Press ESC to close

तेरे चारों ओर वही कर रहा भ्रमण है (सच्चा लहरी-3)

Prem Narayan Pankil By Prem Narayan Pankil

तेरे चारों ओर वही कर रहा भ्रमण है खुले द्वार हों तो प्रविष्ट होता तत्क्षण है उसकी बदली उमड़ घुमड़…

सच्चा कहता अरे बावरे! (सच्चा लहरी-2)

सच्चा कहता अरे बावरे! द्वारे द्वारे घूम रहा क्यों अपना भिक्षा पात्र पसारे। बहुत चकित हूँ, प्रबल महामाया की  माया…

सच्चा अद्वितीय अद्भुत है, उसको जी लो (सच्चा लहरी-1)

संत बहुत हैं पर सच्चा अद्भुत फकीर है गहन तिमिर में ज्योति किरण की वह लकीर है। राका शशि वह…

जियरा जुड़इहैं रे सजनी (एक प्रिय-विमुक्ता का उच्छ्वास)

Prem Narayan Pankil By Prem Narayan Pankil

पीसत जतवा जिनिगिया सिरइलीं दियवा कै दीयै भर रहलैं रे सजनी। मिरिगा जतन बिन बगिया उजरलैं कागा बसमती ले परइलैं…