
रम्यांतर के पंकिल पृष्ठ पर आपका स्वागत है!
कवि, लेखक, समीक्षक, नाटककार, निबंधकार एवं अनुवादक ‘पंकिल’ की साहित्यिक, दार्शनिक आध्यात्मिक एवं स्वान्तःसुखीन रचनाओं का सहज प्रकाशन है यहाँ।
यह जालस्थल यत्र-तत्र प्रकाशित रचनाओं को भी एकत्र करने का प्रयास है।

रचनाकार
प्रेम नारायण पंकिल
मूलतः कवि। प्रबंध काव्य, गीत, मुक्तक और ग़ज़लों में सहज गति।
विविध आलेख, ललित निबंध, नाटक-एकांकी एवं अनुवादों से समृद्ध विपुल साहित्य-सृजन।
देवभाषा संस्कृत एवं लोकभाषा भोजपुरी में भी विशिष्ट एवं प्रसंशनीय रचना-कर्म।

प्रकाशित पुस्तकें
साहित्यिक समृद्धि के अन्तःपुर से निकले कुछ रत्न जो प्रकाशित किए गए हैं। अधिकांश अभी भी प्रकाशन की प्रतीक्षा में हैं।

Bavariya Barsane Vali is the poetical picturization of the symbol that is inherent in the perpetual, eternal and divine love of Shri Radha Madhav.
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भोजपुरी भाषा में जगतजननी माँ शैलबाला का स्तवन-वन्दन-आत्मनिवेदन और समर्पण है यह रचना। लोकभाषा की ’लोकवन्द्य’ शक्ति का परिचय देते हैं यह छन्द।
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These songs are the heart-felt overflow of spiritual inspirations.
They can be sung with full throated ease at every action with devotion.
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सभी प्रकाशित एवं प्रकाशनाधीन