पाँच-छः वर्ष पहले हमारे कस्बे में हुए एक कवि-सम्मेलन, जो आकाशवाणी वाराणसी के तत्कालीन निदेशक श्री शिवमंगल सिंह ’मानव” की पुस्तक के विमोचन पर आयोजित था व जिसकी अध्यक्षता श्री चन्द्रशेखर मिश्र जी ने की थी, में बाबूजी द्वारा पढ़ी गयी भोजपुरी कविता की बमुश्किल रिकार्डेड ऑडियो फाइल प्रस्तुत है । इसमें बाबूजी ने जगतजननी के चरणों में अपना विनय प्रदर्शित किया है –

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# रमणी के नर्म वाक्यों से खिल उठा मंदार (वृक्ष-दोहद….)…. सच्चा शरणम

Last Update: September 8, 2009