सुलतान

नृप बनने के बाद जनों ने पूछा यही हसन से बात

पास न सेना विभव बहुत, कैसे सुलतान हुए तुम तात?

बोला अरि पर भी उदारता सच्चा स्नेह सुहृद हित प्राप्त

जन-जन प्रति सदभाव न क्या सुलतान हेतु इतना पर्याप्त।

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