मुरली तेरा मुरलीधर 45
निज प्रियतम के विशद विश्व में और न कुछ करना मधुकर निरुद्देश्य उसके गीतों को झंकृत कर देना निर्झर पंकिल भर देना निज कोना बहा गीतधारा प्र...
निज प्रियतम के विशद विश्व में और न कुछ करना मधुकर निरुद्देश्य उसके गीतों को झंकृत कर देना निर्झर पंकिल भर देना निज कोना बहा गीतधारा प्र...
गाने आया जो अनगाया गीत अभी तक वह मधुकर वीण खोलते कसते ही सब बासर बीत गये निर्झर सही समय आया न सज सके उचित शब्दसंभार कभी टेर रहा समयानुकूल...
भू लुण्ठित हो धूलिस्नात हो जाय न जब तक तन मधुकर। वह निज कर में ले दुलराये तेरा लघुप्रसून निर्झर विलख भले सुरभित न किन्तु वह पदसेवा से करे ...