पाँच-छः वर्ष पहले हमारे कस्बे में हुए एक कवि-सम्मेलन, जो आकाशवाणी वाराणसी के तत्कालीन निदेशक श्री शिवमंगल सिंह ’मानव” की पुस्तक के विमोचन प...
पाँच-छः वर्ष पहले हमारे कस्बे में हुए एक कवि-सम्मेलन, जो आकाशवाणी वाराणसी के तत्कालीन निदेशक श्री शिवमंगल सिंह ’मानव” की पुस्तक के विमोचन पर आयोजित था व जिसकी अध्यक्षता श्री चन्द्रशेखर मिश्र जी ने की थी, में बाबूजी द्वारा पढ़ी गयी भोजपुरी कविता की बमुश्किल रिकार्डेड ऑडियो फाइल प्रस्तुत है । इसमें बाबूजी ने जगतजननी के चरणों में अपना विनय प्रदर्शित किया है -
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अन्य चिट्ठों की प्रविष्टियाँ -
# रमणी के नर्म वाक्यों से खिल उठा मंदार (वृक्ष-दोहद....).... सच्चा शरणम
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बहुत सुंदर..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आडिओ है सुन रहे हैं बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर गीत हिमांशु भाई
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
वाह बहुत बढ़िया लगा! बहुत सुंदर गीत! धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना --
ReplyDeleteआभार इस प्रस्तुति के लिए
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